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Anita Sharma

Drama Fantasy

4  

Anita Sharma

Drama Fantasy

चिल्लर चिल्लाई

चिल्लर चिल्लाई

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उलटे सीधे...आड़े टेढ़े

शब्दों का हुआ गठजोड़

बन गया सवालों का हाय!

ये उत्तर कैसा मुँहतोड़

कुछ बिदके, कुछ समझ गए

कहानी का वो नया मोड़

झड़ी लगी वक्तव्यों की

और पहले कहने की होड़

कितना ज्ञान पाया हमने

मिसालें भी थी खूब बेजोड़

हम भागे ढूंढने गुल्लक अपनी

जिसमें जीवन का था निचोड़

गुल्लक की चिल्लर चिल्लाई

क्यों अड़ा रहे तुम अपना गोड़

थोड़ी दुनियादारी समझ लो

थोड़ा सा दामन लो सिकोड़

मोह में जकड़ी सारी दुनिया 

ना लगाओ भ्रम की अंधी दौड़

मिथक का पत्थर मारकर ना

देना जीवन की गुल्लक फोड़

बस जीवन के ध्येय को साधो

बाकी सब दो प्रभु पर छोड़



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