अनमोल हिस्सा
अनमोल हिस्सा
तेरे दिए धोखों से ऐ इश्क़
बहुत दिल टूटा था,
मेरा वो बनकर आया
फिर मेरा दोस्त मेरा साथी,
मुझे हँसाने के लिए वो
क्या-क्या बहाने बनाने लगा।
कभी बहरूपिया बन जाता
कभी जोकर बन जाता,
मेरी हँसी, मेरी खुशी
उसकी खुशी बन गयी।
नहीं था वो प्रेम मेरा पर
बन गया प्यारा सा दोस्त मेरा,
मेरे इर्द गिर्द वो हर
पल घूमता रहता,
उदासियों को वो मेरे
करीब ना आने देता,
मेरी जिंदगी का वो
अनमोल हिस्सा बन गया।
धीरे-धीरे उससे लगाव होने लगा
उसकी दोस्ती मेरी जिंदगी बन गयी,
उसके बिना एक पल
ना दिल मेरा कहीं लगता,
मुझसे एक पल वो ना दूर होता,
होने लगा हम दोनों को फिर,
एक दूजे से प्यार और
भूल गए हम अपना-अपना
गम, अपनी-अपनी पुरानी जिंदगी
और एक दूजे के होकर
रह गए हमेशा के लिए।

