STORYMIRROR

Akshay Shukla

Romance

4  

Akshay Shukla

Romance

छोड़ दिया

छोड़ दिया

1 min
289

जिस दिन से तुमने

नज़रें मिलाना छोड़ दिया

तेरी गलियों में हमने 

आना जाना छोड़ दिया


जिस दिन से तुमने

पास बुलाना छोड़ दिया

उस दिन से हमने 

इत्र लगाना छोड़ दिया


जिस दिन कहा था तुमने

इश्क़ कोई इबादत नहीं

उस दिन से हमने

मंदिर भी जाना छोड़ दिया


जिस दिन तेरे हाथों को

किसी और के हाथ में देखा था

उस दिन से हमने

दिल को समझाना छोड़ दिया


जिस दिन किसी और की बाहों में

तुम्हे चाँद को तकते देखा था

उस दिन से हमने चाँद को 

मामा बुलाना छोड़ दिया


जिस दिन तुमको देखा था

आते हमारी राहों में

उस दिन से हमने

अपना रास्ता मोड़ लिया


जिस दिन से तुमने

नज़रें मिलाना छोड़ दिया

तेरी गलियों में हमने 

आना जाना छोड़ दिया।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance