I am an aspiring poet, currently staying in pune working with a real estate company .
कभी कभी नाकामयाबी का, अंधियारा घनघोर छाएगा। कभी कभी नाकामयाबी का, अंधियारा घनघोर छाएगा।
हमने लकीरों को काट दिया रिश्तों को किया खत्म हमने लकीरों को काट दिया रिश्तों को किया खत्म
साड़ी बदल जाती है पीढ़ी बदल जाती है माँ नहीं बदलती ये सुगंध नही बदलती। साड़ी बदल जाती है पीढ़ी बदल जाती है माँ नहीं बदलती ये सुगंध नही बदलती।
जिस दिन से तुमने नज़रें मिलाना छोड़ दिया तेरी गलियों में हमने आना जाना छोड़ दिया। जिस दिन से तुमने नज़रें मिलाना छोड़ दिया तेरी गलियों में हमने आना जाना छ...
निकली जो घर से तू, पीछे तेरे चले थे हम, मंज़िल तेरी पता न थी, हमराह बने चले थे हम। निकली जो घर से तू, पीछे तेरे चले थे हम, मंज़िल तेरी पता न थी, हमराह बने चले थे...
मैं हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़ा असमंजस में हूँ पड़ा, मैं दोराहे पर हूँ खड़ा, कब तक रहूँ मै मैं हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़ा असमंजस में हूँ पड़ा, मैं दोराहे पर हूँ खड़ा, ...
भटकता मुसाफिर हूँ, अंजान राहो का, ए मंज़िल, ज़रा पता तो दे तेरा। भटकता मुसाफिर हूँ, अंजान राहो का, ए मंज़िल, ज़रा पता तो दे तेरा।