छोड़ दे
छोड़ दे
कह दो अपने चांद से जलवा दिखाना छोड़ दे।
इस कदर से चोट दिल पर तो लगाना छोड़ दे।।
माना तेरी नजर में गुनहगार कम न था,
एक जिंदा लाश हूँ अब तो सताना छोड़ दे।
कभी प्रेम डगर के हमराही थे हम दोनों,
किसने क्या खोया पाया अब ये बताना छोड़ दे।
माना कि वक्त ने कुछ बदली है ऐसी करवट,
कैसे सफीना को साहिल से मिलाना छोड़ दे।
'केहरी' चांदनी से भी नफरत होने लगेगी,
उलझी यादों को अब सुलझाना छोड़ दे ।।