छल
छल
सुनो...
तुम्हारा किया गया छल मुझे जीवन भर याद रहेगा.. मैंने तुम्हारे साथ छल नही प्रेम किया है और करता रहूँगा मेरे जीवन में अब कोई नहीं आएगा लेकिन हां तुम्हारा किया तुम्हें एक दिन वापस मिलेगा... ये तो पक्का ही लेकिन तब तुम्हें समझ आएगा की एक हंसते हुए लड़के की मुस्कान को छिनने का जो तुमने पाप किया है वो एहसास होगा...
तुम्हें लगता है की तुमने कुछ गलत नहीं किया तुम्हें लगता है की तुमने तो सिर्फ झूठ ही बोला है लेकिन तुम्हारा झूठ किसी का विश्वास था ए तुम भूल गई ..., तुमने झूठ का सहारा लेकर उस लड़के को छोड़ दिया जो लड़का सिर्फ तुमसे प्यार करता था और छोटी छोटी बातें तुम्हें बताता था तुम समझ ही न पाई उसका क्या होगा...
ठीक है तुम्हें साथ नही देना था तो बता देती झूठ का सहारा लेकर प्यार का नाम क्यों दिया ..अच्छा तुम्हे लगता है तुम उस लड़के को छोड़ दिया तो वह खुश रहेगा... खुश तो रहेगा लेकिन खुद में उसकी जिंदगी से सब कुछ चला गया लोग जिनसे बाते करता था... उन लोगों में भी उसे झूठ दिखने लगा.. वो लड़का अब खुद को ढूढने में लग जाता है.. वो तुम्हें कुछ नहीं कहेगा क्योंकि तुम्हारा तो स्वभाव ही था झूठ बोलना...
लेकिन हा तुमने जो किया वो कोई नही कर सकता था तुमने एक ऐसे लड़के की मुस्कान छीन लिया...जो कभी किसी का दिल नही दुखाया... जिसने छल नही किया विश्वासघात नही किया लेकिन ठीक है तुमने जो किया सो किया... तुम एक ख्याल कर लेती उस लड़के का एक बार मासूम चेहरा देख लेती तो शायद ऐसा न करती... मैं तो तुम्हें माफ कर दिया... और आगे बढ़ने की कोशिश में लगा हूं और बढ़ भी जाऊंगा....