चेहरे
चेहरे
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चेहरो के इस जंगल में
कितने चेहरे बिखरे हैं
कुछ अपने
कुछ बेगाने चेहरे हैं
हर चेहरा एक कहानी है
गहरी झील दीवानी है
दुख है किसी चेहरे की आभा
सुख की है किसी चेहरे पर किरने
और
चेहरो पर भी चेहरे हैं
कुछ साँप कुछ सपेरे हैं
चेहरो पर नक़ाबें हैं चेहरो की
मतलब देख बदलते हैंं
ये वो ही जाने
हम क़्या जाने
चेहरो की इस माया को
कौन है समझा
जो हम समझे।