चार दोस्त
चार दोस्त
निकल गए हम चार दोस्त
दो साइकल है हम चार दोस्त ।।
जेब है खाली।
ख्वाहिश है बाकी ।।
पहुंच गए हैं दूर।
जहां न कोई कानून है ।
न कोई बनाने वालेे।।
खुशी है यहां न है गम।
ये वो जगह है जहां हो तुम।।
निकल गए हम चार दोस्त
दो साइकल है हम चार दोस्त ।।
जेब है खाली।
ख्वाहिश है बाकी ।।
पहुंच गए हैं दूर।
जहां न कोई कानून है ।
न कोई बनाने वालेे।।
खुशी है यहां न है गम।
ये वो जगह है जहां हो तुम।।