Hassan Bilal
Action Crime Fantasy
परेशानियां इस वर्ष की
निशानियां बन गई
विश्व में महामारी बन गई
देश में भूखमरी बन गई
पिस रहा मजदूर है
जूझ रहा किसान है
निम्न वर्ग बेहाल है
उच्च वर्ग खुशहाल है
यही मेरे देश का हाल है।
हार कर जीतना
पहला प्यार
मंज़िल दूर की
देश का राजा
चार दोस्त
2020
किसान आज
अद्भुत बालक क्रूर दानवता की दुष्ट प्रवाह पर प्रहार शिवा सत्य सत्यार्थ।। अद्भुत बालक क्रूर दानवता की दुष्ट प्रवाह पर प्रहार शिवा सत्य सत्यार्थ।।
आतंकी का खौफ बताओं, कब तक राज करेगा अब घाव लगे हैं जो हृदय पर, उनको कौन भरेगा अब बतलाओ क्या उत्तर ... आतंकी का खौफ बताओं, कब तक राज करेगा अब घाव लगे हैं जो हृदय पर, उनको कौन भरेगा अ...
उसके लिए भूगोल चाहे धरती का हो या स्त्री का एक ही उद्देश्य के निमित्त होता है। उसके लिए भूगोल चाहे धरती का हो या स्त्री का एक ही उद्देश्य के नि...
ये ढूंढ रहे किसको जग में शामिल तो हूँ तेरे रग में, तेरा ही तो चेतन मन हूँ क्यों ढूंढे ये ढूंढ रहे किसको जग में शामिल तो हूँ तेरे रग में, तेरा ही तो चेतन मन हूँ क्य...
ख़ामोशी भी दिले यार का दिया तोहफ़ा होती है। सजा जैसी ज़िंदगी लगती है गर बात ना होती है ख़ामोशी भी दिले यार का दिया तोहफ़ा होती है। सजा जैसी ज़िंदगी लगती है गर बात न...
क्योंकि स्त्री की तरह इस शिकार के साथ जीना इतना आसान नहीं। क्योंकि स्त्री की तरह इस शिकार के साथ जीना इतना आसान नहीं।
मुझे संघर्ष एवं संभावनाओं की असीमितता पर मुझे संघर्ष एवं संभावनाओं की असीमितता पर
अब ऑनलाइन भी लड़कियों के लिए नए नियम बना रहे हैं। अब ऑनलाइन भी लड़कियों के लिए नए नियम बना रहे हैं।
है महाशिवरात्रि हम मनाते मान के साक्षी महादेव और हमारी माता पार्वती के विवाह को है महाशिवरात्रि हम मनाते मान के साक्षी महादेव और हमारी माता पार्वती के विवाह को
बीत जाते है शादी के ये चार दिन नेग चार, बन्ना बन्नी में बीत जाते है शादी के ये चार दिन नेग चार, बन्ना बन्नी में
सब मिलकर भरते रहे उसमें पूरा जोश उसको अपने कर्म का किंतु तनिक रहा न होश सब मिलकर भरते रहे उसमें पूरा जोश उसको अपने कर्म का किंतु तनिक रहा न होश
चुप – चुप अम्मा मेरी रहती है लगता की सबसे वो रूठी है चुप – चुप अम्मा मेरी रहती है लगता की सबसे वो रूठी है
कुछ हक़ तो उसका भी था जिसने हमदम हमसफर बन सात जन्मो के लिए साथ निभाने का वचन दिया, कुछ हक़ तो उसका भी था जिसने हमदम हमसफर बन सात जन्मो के लिए साथ निभाने का वचन दिया...
यह कविता शहीदो को सलामी दे रही है। यह कविता शहीदो को सलामी दे रही है।
वो नहीं जानते थे की उनकी खुले आम दिन दहाड़े नीलामी होगी वो नहीं जानते थे की उनकी खुले आम दिन दहाड़े नीलामी होगी
प्रधान मंत्री जी, स्पष्ट उद्देश्य के साथ, साल दर साल भारत का नेतृत्व कर रहे हैं। प्रधान मंत्री जी, स्पष्ट उद्देश्य के साथ, साल दर साल भारत का नेतृत्व कर रहे ह...
"अखण्ड" मानवता का सम्यक परिचय करवाया... मैं उन सब का सदैव ऋणी हूँ "अखण्ड" मानवता का सम्यक परिचय करवाया... मैं उन सब का सदैव ऋणी हूँ
पीपल का हूँ वृक्ष अभागा सूखे नयनन कृश है काया। पीपल का हूँ वृक्ष अभागा सूखे नयनन कृश है काया।
हम सब कविता के एक एक शब्द को आत्मसात कर रहे थे आनंद ले रहे थे। हम सब कविता के एक एक शब्द को आत्मसात कर रहे थे आनंद ले रहे थे।
लेकिन मैं था ढीठ बड़ा, अपने बल पर रहा खड़ा मैंने अब भी ज़िद ना छोड़ी, सीना ताने रहा अड़ा लेकिन मैं था ढीठ बड़ा, अपने बल पर रहा खड़ा मैंने अब भी ज़िद ना छोड़ी, सीना ताने र...