किसान आज
किसान आज


मेहनत नहीं खून बहाया था मैंने
पसीना नहीं लहु बहाया था मैंने।।
तुम खाते थे मेरा अन्न।
अब खिलाते हो दंड।।
याद नही कब सीखा था हँसना
याद नही कब खिला था फूल।।
तुम काला धन ना ला सके
लियाऐ ये कानून।।
मेहनत नहीं खून बहाया था मैंने
पसीना नहीं लहू बहाया था मैंने।।