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AKSHAT YAGNIC

Romance

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AKSHAT YAGNIC

Romance

चांदनी रात का प्यार

चांदनी रात का प्यार

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ठंडी चांदनी रात में सोचता हूं

उसका हाथ मेरे हाथ में हो चांद की शीतलता 

जैसा जीवन हमारा साथ में

हो देखते रहे दोनों चांद की ओर 


नहीं हो प्यार का कोई भी छोर 

दर्पण की तरह देखें हम चांद को

उत्सव की तरह मनाएं चांदनी रात को 

यह ठंडक जो तृप्त करती है

आत्मा को यह आकर्षण जो


अमृत बना दे जीवन को यह

सब मैं देखना चाहता हूं

लेकर तुम्हारा हाथ अपने हाथों में

इस शीतलता को सदैव महसूस करना चाहता हूं 


लेकर अपने हाथों में तुम्हारा हाथ यूं तो

अकेला भी मैं चांद को निहारता हूं

परंतु यदि तुम हो साथ मेरे तो मैं

अपने सपने भी संवारता हूं तो आओ


हम दोनों देखे उस चांद को एक साथ साथ

निगाहें डालें उस चांद पर चांद तो करता ही है

प्रेम की वर्षा आओ हम दोनों भी

भिगो दें उसे अपने प्रेम की वर्षा से।


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