Meenakshi Kilawat

Romance

3.8  

Meenakshi Kilawat

Romance

चाँद सूरज सितारे

चाँद सूरज सितारे

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चाँद, सूरज, सितारे 

आते हैं मेरे आवास में

बहती है प्रियतम की 

हलचल सी सरगम में।।


एक आहट पर मैं उठ जाती हूं

देख साजन को भर जाती हूं

बाहों में उनके समाकर

गीत खुशी के गाती हूं।।


सितारों की जगमग में

पूनम की रौशनी में

सनम की बाहों में

सांसों की धड़कन में।।


समा जाती हूं रातों में

उन गर्म आगोश में

हवाओं के संग संग

झुलती आसमान में।।


ना साजन जल्दी आवे

रूठ जाती हूँ मैं

वे मनाते है मुझ को

खिल जाती हूँ मैं ।।


किस्में वादे प्यार मोहब्बत 

जमी के उपर चाँद के साथ में

सुबह तक होती मुलाक़ातें

आता है सूरज भी पास में।।


जीना मरना सजना के साथ

निभाने की ख्वाहिशें है आज

मन बावरा डूबता उतरता 

बहारों की खुशबू मेरा साज।।



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