चाह्ता हूँ
चाह्ता हूँ
हर पल तुझे ख्वाबों में देखा ,
अब हकीकत में पाना चाहता हूँ।
पास आकर तुम्हारे कुछ लम्हे ,
चुराना चाहता हूं।
लगाकर अपने सीने मे तुम्हें ,
ये ज़िन्दगी जीना चाहता हूं।
लेकर तुम्हें अपनी बाहों में ,
ये जहान बदलना चाहता हूं।
जाने कितने आंसू बहे ,
तुम्हारे इंतेजार में,
पर अब तेरे संग मुस्कुराना
चाहता हूं।
अपनी हर खुशी तेरे नाम करके ,
अब तेरे सारे गम ,
अपनाना चाहता हूं।
तुम तो बस चुकी हो इस दिल में ,
पर अब तुम्हारे दिल में ,
बस जाना चाहता हूं।
हर पल तुझे ख्वाबों में देखा ,
अब हकिकत में पाना चाहता हूं।

