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Tanha Shayar Hu Yash

Romance

5.0  

Tanha Shayar Hu Yash

Romance

चाहत बंद है ग़म से

चाहत बंद है ग़म से

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चाहत बंद है ग़म से,

नज़र कह रही है हम से

पलकों पर आबे-ए -चशम है

अंजुल में भरी हवा कह रही हम से। 

 

चाहत बंद है ग़म से,

हर शाम कह रही हम से

परछाइयाँ गहरी हो रही है

मेरी परछाईं कह रही हम से। 

 

चाहत बंद है ग़म से,

ना आओगे अब मिलने हम से

इंतज़ार बेकरार सा रहता है हर

पल बेकरारी कह रही है हम से। 

 



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