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Phool Singh

Tragedy Action Children

4  

Phool Singh

Tragedy Action Children

बुराई का कोई धर्म नहीं

बुराई का कोई धर्म नहीं

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बुराई का कोई धर्म नहीं 

ये नियत शिरत की बात 

बराबरी करने की हैसियत नहीं 

करते पीठ के पीछे वार।।


जलते है हम जब किसी से 

मन में घृणा करती निवास 

धीरे-धीरे शत्रुता का अंकुर फूटता 

रह ना पाता साथ।।


झूठ सदा टिका ना रहता 

ना साँच को आती आँच 

अक्सर मीठा वही बोलते 

जिनके मन में पाप।।


अपनों के आगे सर झुकाना 

ना शर्म-लिहाज की बात 

जितना झुकेगा उतना उठेगा 

ये सोचने वाली बात।।


पुण्यों का शीघ्र फल चाहिए 

ना धर्म-कर्म में विश्वास 

घिनौने कर्मों में लिप्त जो रहते  

दुख में होते उदास।।


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