बसंत ऋतु
बसंत ऋतु
आया बसंत छाई,
खुशियां अनन्त है।
मौसमों में मौसम,
ऋतुराज सब मनारहे।
होके मतवाली कूके,
कोयलिया डाली डाली।
पुष्पों पे भंवरे देखो,
भ्रमर गीत गा रहे।
वृक्षों पे छाई हरियाली,
धरा धानी धानी।
अमुआ के पेड़ बौर,
पा लहलहा रहे।
खिली खिली धूप हुआ
मौसम सुहाना बड़ा।
मौसमों में मौसम
ऋतुराज सब माना रहे।
आर्य हम मानते बसंत,
पर्व सदियों से।
पश्चिमी इसे वेलेंटाइन डे,
मना रहे।