बसंत मस्त मलंग
बसंत मस्त मलंग
धर्म के पाखंड से परे ,
जो सच्चे हृदय से सात्विक धर्म निभाता है!
ईश वंदना के समय ,
मन सकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है!
भक्तिभाव में लीन हृदय ,
खुद को उस परमब्रह्म के समीप पाता है!
मानव जीवन परोपकार हेतु ,
आजीवन कुछ ना कुछ उपाय करता है!
प्रार्थना के शब्द से हृदय का ,
गहरा नाता है जो स्पर्श कर जाता है!
बसंत पंचमी के पावन दिवस ,
हर विधार्थी माँ शारदे को शीश नवाता है!
