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Vinita Tomar

Romance

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Vinita Tomar

Romance

बसंत आया है

बसंत आया है

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जीवन में आज फिर बसंत आया है

देख कर मनवा फिर इतराया है।

कहां थे तुम इतने माह से प्रिय

आज तो मिलन का वक्त आया है।

जीवन में आज फिर बसंत आया है।

देखो कैसी प्रकृति गा रही सुंदर रचना

आई हो कोई नई कली की सूचना।

मन ने प्रेम का राग सुनाया है

जीवन में आज फिर बसंत आया है।

रुत सुहानी आई हो जैसे

चांद के साथ चांदनी हो जैसे।

प्रेम की अलख ने अलग रूप दिखाया है

जैसे बसंत ऋतु ने खुद श्रृंगार रस में गीत सुनाया है।

जीवन में आज फिर बसंत आया है।



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