हमारी प्यारी हिंदी !
हमारी प्यारी हिंदी !
माँ के माथे पर जैसे चमकती है बिंदी
वैसे ही भाषाओं की शिरमौर है हमारी प्यारी हिंदी।
आत्मीय संतोष मिलता है जब बोली जाती है
दिल से दिल को दूर तक जोड़ ये जाती है।
आसमान में जैसे लगती हो सितारों की बिंदी
वैसे ही भाषाओं की शिरमौर है हमारी प्यारी हिंदी।
दुनिया में अपनी धूम मचाए, वो है हिंदी
देसी हो या विदेशी सबके दिल पर छाए अपनी हिंदी।
मातृ भाषा का गौरव समेटे अमित छाप छोड़ जाएं
वो है अपनी प्यारी हिंदी।
जन-जन की भाषा कहलाएं,
वो है प्यारी हिंदी।
बोलने, पढ़ने और प्रस्तुत करने में जो रस आएं
वो तो है अपनी प्यारी हिंदी।
२१वी सदी में भी अपना अस्तित्व बचाएं
वो है अपनी भाषा हिंदी।
इसके स्वरूप से ही हम सब पहचाने जाएं
वो है मातृ भाषा हिंदी।
माँ की बोली बनकर, बच्चे के मुँह से आती हिंदी
तभी तो सब भाषाओं की शिरमौर कहलाती है, प्यारी हिंदी।