Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Shubham mohurle

Romance

2  

Shubham mohurle

Romance

बस यूँ ही तू आजा

बस यूँ ही तू आजा

1 min
529


तेरा जिस्म था मेरा एक ओर तेरे लिए,

इंसानियत की भी खूब कमी थी,

तेरी आँखों के कतरे में घुसा मैं जबसे,

तेजी से घायल हो गया तेरे लिए।


दफनाया था तूने मुझे अपनी बाँहों में,

क्या कब्र थी वहाँ की भी तू,

जिल्म का आलम अफसोस मैंने किया,

तेरे लिए सब कुछ छोड़ दिया।


अंधेरा छाया मेरे आँखों के पर्दे पर,

चुम्मा दे दिया तूने ओठों पर,

आलम था वह जश्न का,

किरदार सबूतों का,


जिसका गवाह तू और मैं था,

तोड़ दिया तूने दिल मेरा,

हवा भी पत्तों को सुलझाकर रोने लगा,

आदत थी मेरी तुझे देखके मुस्कुराने की।


बातें बनती थी तेरी मेरी गुनगुनाने की,

समझ ना पायी तुम मुझे,

हमेशा जिंदगी पाये सपने प्यार को,

यूँ ही निकल गयी जिंदगी से।


एक ही दिन में मिटाकर सब पुरानी बातों को,

याद करना था तुझे मेरी हरकते तेरे लिए की हुई,

बोलना था मुझे मेरी तेरी गलती हो गयी,

बताता वक्त पर इंतजार से ज्यादा नहीं करता था,

तुझे मजबूर मेरे लिए,


ना बोलता था और बताता था तेरे पर हक मेरा,

आज भी तेरे लिए मैं बचा हूँ,

सिर्फ तू आके मुझे कह दे,

आज भी मैं तुमसे प्यार करती हूँ,

बस मैं यूँ ही लटका हूँ तेरे लिए !


Rate this content
Log in