शुम विचारधारा
शुम विचारधारा
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माँ के साथ उंगली लेकर
चलने की ताकत थी
मुझ में
जब मैंने चलना सिखा था,
अब दौड़ना भी आता है
पर
नादानीयत ये की
अब उंगली पकड़ कर
चलना नहीं आता।