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Anita Sudhir

Romance

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Anita Sudhir

Romance

बरसात

बरसात

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रिमझिम बरसात है 

भीगे जज्बात हैं

एक छतरी में हम दोनों

होती अब रात है।

इन नज़रों से मत देखो

छोड़ो न तुम मेरा हाथ 

हो रही बरसात बाहर

भीग रहे हम भीतर 

बारिश की बूँदो सँग 

जागे मन में अरमान 

टिप टिप बरसे पानी 

हम हो रहे एक जान।


कैसी ये अगन लगी 

कैसी ये तपन बढ़ी 

धड़क धड़क जाये जिया 

कठिन परीक्षा की घड़ी।

ख्वाबों की बारिश होने दो 

एक छतरी में खोने दो 

ये बरसात फिर कब बरसे

एक दूजे के होने दो ।



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