बंदिशें लगा रखी है जमाने ने
बंदिशें लगा रखी है जमाने ने
बंदिशें लगा रखी है ज़माने ने तुझ पर,
तू मिलने आजा छुप के जमाने से।
नादान है ये दिल बस इश्क समझता है,
बहक जाएगा ये इसे और समझाने से।
ईद को आने में अभी और वक़्त है,
तू गले लग जा किसी और बहाने से।