बन्धन दिलों के
बन्धन दिलों के
कोई तो कर रहा होगा मेरी कमी पूरी
इसलिए तुझे मेरी याद अब आती नही है
एक हम है जिसकी हर सुबह
तेरे नाम से शुरु होती है
और ये दिन तेरे ही ख्यालो में गुजरता है
और रात तेरी यादों के साथ गुजार देते हैं।
कभी भूले से ही तुम हम को याद कर लिया करो
अपने किये हुए वादे पूरे कर लिया करो
क्या तुमारे शहर में अब सूरज निकलता नही है
क्या तेरे शहर में अब शाम होती नही
या तुम अपनी याददाश्त खो चुके हो
और हमको भूल चुके हो।
बंधन दिलों के कभी तोड़ने नहीं चाहिए
जो ये तोड़ दे तो ये बंधन कैसे
नहीं जानते हम की तेरी क्या है मजबूरी
पर हम आज भी सिर्फ तुमारे है सनम
हम आज भी हर पल हर घड़ी तेरा इन्तजार करते हैं।

