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बिटिया हमारी

बिटिया हमारी

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दिख़ने में वो आसान लगे

समझने में वो शैतान लगे

करे जो गलती बड़ी कभी

कहने में वो नादान लगे।


वो रोज देर सुबह तक सोती है

बिना कुछ बात-बात पे रोती है

एक बार में न मिले गर कुछ तो

आंखों में ज़िद होती है।


पापा की कभी कुछ नहीं सुना करती है

मम्मी भी कभी कुछ नहीं कहा करती है

हमेशा करती है मनमानी और नादानी

वो कभी किसी से कहाँ डरा करती है।


खेलकर देर से आती है,

है उसमें बड़ी लापरवाही

दूध पिये बिन सो जाती है,

है उसमे बड़ी बेपरवाही।


किसी की बात उसको

समझ मे आती है कहाँ

उल्टे हँसकर कहती है

छोड़ो है ये सब दुनियादारी।


सबसे प्यारी, सबसे न्यारी

सबकी है राजदुलारी

गुस्सा, डाँट, प्यार दिखाना

है उस पे सब भारी।


मगर हम सबकी

दिल की धड़कन,

घर की रौनक

सबसे अच्छी,

सबसे सच्ची है वो बिटिया हमारी !


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