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✍ कुलदीप पटेल के•डी

Inspirational

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✍ कुलदीप पटेल के•डी

Inspirational

माँ तेरी याद बहुत आती हैं!

माँ तेरी याद बहुत आती हैं!

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बंद आँखों में एक तस्वीर बन जाती है

पलक झपकते ही फिर दूर चली जाती है

और इन आँखों में एक निशां छोड़ जाती है

जो हर पल उभर कर बाहर आती है

माँ तेरी याद बहुत आती है!


तेरी यादों में मैं खो सा जाता हूँ

नम आँखों में दो बूँद आँसू ले आता हूँ

मन हल्का कर फिर सो जाता हूँ

सोते हुए सपनो में भी तुझे ही पाता हूँ

बालों में हाथ फेर सो जा कह तू चली जाती है

माँ तेरी याद बहुत याद आती है!


जब भी दुनिया की भीड़ में खुद को अकेला पाया!

तब तू और तेरा साथ याद आया

मतलबी है ये दुनिया मतलबी है इस दुनिया के लोग

बस तेरा प्यार ही आखिरी सहारा

अकेले नहीं हो तुम हमेशा तुम पर है मेरा साया ....

याद आया

हर पल ये दुनिया बहुत ठोकर मारती है

माँ तेरी याद बहुत आती है!


मेरा तुझसे दूर रहना बेकार नहीं जायेगा

मैं तेरे सारे सपनों को एक दिन सजाउंगा

तेरे लिए चाँद तारे तो नहीं लेकिन ख़ुशियाँ ज़रूर लाऊंगा

और एक दिन हमारी उजड़ी दुनिया फिर से बसाऊंगा

मुझसे दूर अकेले तू भी तो बहुत रोती है

माँ तेरी याद बहुत आती है!



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