शिक्षा का व्यापार
शिक्षा का व्यापार
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कितनी महंगी किताबें हैऔर कितना महंगा
दप्तरदड़पन में मासूम दबा हैजिंदगी हो गई बत्तर
नेताजी भी खोल रखे हैशिक्षा का बाजार
खुदके नियम खुदके कानूनचलता है व्यापार
लूट रहे है मनमाने जोबंधन उन्हें लगाओ
ना माने कोई स्कूल जोनियम कानून जगाओ
सरकारों से विनती है कीथोड़ा तो दो ध्यान
इतना भी क्या खून चूसनाकुछ तो रखलो मान।