लिखता हूँ मगर
लिखता हूँ मगर
लिखता हूँ मगर याद नहीं करता,
अल्फाजों से उन्माद नहीं करता !
बर्बादी जहन में न कभी आई,
मै खुद को भी आबाद नही करता !
जाहिर है मुक़म्मल न सही कुछ भी,
चाहत दिल की आजाद नही करता !
लिख तो लूँ मिरा एक सफरनामा,
कुछ है इल्म अपवाद नही करता !
कब 'एकांत' ने जीत मनाई है,
गम के शेर इरशाद नही करता !