STORYMIRROR

SHASHIKANT SHANDILE

Romance

4  

SHASHIKANT SHANDILE

Romance

जी चुका मैं

जी चुका मैं

1 min
5

जी चुका मैं इस जनम अगले जनम आना तुम्ही,

जिंदगी में हर ख़ुशी का तोहफा लाना तुम्ही !


है इजाज़त तोड़कर दिल अब के जाना है चलो,

हो मुनासिफ आखरी पल जोड़कर जाना तुम्ही !


मन्नतों में अब न मांगू उस खुदा से मैं तुम्हे,

मांग कर के बस दुआ में अब मुझे पाना तुम्ही!


मैं भला कैसे बताऊं क्या तुम्हारे दिल मे है,

गर बता पाओ कभी तो खुलके बतलाना तुम्ही!


रुख हवा का मोड़कर के इस जनम ही साथ दो,

उस जनम मैं मान लूंगा हार ठुकराना तुम्ही!


कुछ कदम का फासला है राह लंबी है मगर,

थक चुके कदमों को मेरे धीर बंधाना तुम्ही!


है डरा भीतर अकेला अब बड़ा "एकांत" है,

मैं नहीं समझा सका के दिल को समझाना तुम्ही !


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance