जिंदगी ......
जिंदगी ......
1 min
17
शराफत की मौत है और
जज्बातों का खेल है
प्यार मोहब्बत बाते है बस
अरमानों की जेल है
रिश्तों की बन्दिश में बंधकर
खुदखुशी पर बेल है
किसका दुखड़ा कौन सुनेगा
हर तरफ एक सेल है
खून का क़तरा जाती पूछे
कैसा ये भी मेल है
अच्छा दिल पर खाली जेब तो
जिंदगी भी फेल है
कौन सगा है आज किसी का
रिश्ता भी कॉकटेल है
जब तक तू सुनता है किसी की
तब तक तू पटेल है
(पटेल जैसे महान आदमी)