कोई नहीं है जो कहे मैं हूँ ना
कोई नहीं है जो कहे मैं हूँ ना
जिंदगी में बहुत उतार-चढ़ाव आते है
जिंदगी में ऐसे इंसान की तलाश होती है जो हमें समझे
जो हमारी ज़रूरत को बिना बोले पुरी कर दे
कहते है माँ अपने बच्चे को सबसे अच्छे से समझती है
मगर कभी कभी माँ भी अपने बच्चे के दिल की बात नहीं जान पाते
वो समझती ही नहीं है उसके बच्चे को क्या चाहिए
हम जिंदगी भर ऐसे इंसान की तलाश में रहते है जो हमें समझे
जब हम रुठे तो मनाए हमारी कोशिश को समझे हमारे मूड स्विंग को पहचाने
तलाश रहती है एक सच्चे साथी की जिसे हम अपने दिल की बात खुल के कर सके
जो हमें जज ना करे आज कल की दुनिया में सच्चे दोस्त मिल जाए तो बहुत है
जिंदगी ऐसे क्यु है क्यु इतनी तकलीफ है दिल क्यु जोरों से धड़कता है
कहना है बहुत मगर कोई नहीं है जो बाते सुन सके
कोई नहीं है जो कहे मैं हूँ ना
जिंदगी बस चली जा रही है इंतज़ार है तो बस बुलावा आने का
