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VEENU AHUJA

Comedy Romance

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VEENU AHUJA

Comedy Romance

बिंदिया : कैमरा

बिंदिया : कैमरा

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इधर उधर सर्वत्र राज करती है प्रिय तेरी ये बिंदिया ..


पलंग के कोने पर बिछी,

 कभी ड्रेसिंग टेबिल पर सजी,

 कहीं रसोईघर की खिड़की में अटकी तो

 कभी बाथरूम में वाशबेसिन के कोने में छिपी ताक 

छांक करती ..


प्रिय, बिंदी है या तुम्हारे द्वारा लगाया गया कैमरा ..


देखते ही सतर्क हो जाता है दिमाग ..

याद दिलाता है तुम्हारा संग साथ ..

विचारों पर भी पहरे लगा देती है तेरी ये बिंदिया ..


लॉक डाउन में बिंदी खत्म होने पर भी हर रोज़ बिना नागा इधर उधर से

ढूंढ ढूंढ कर लगाती रही प्रिय तुम ,

तेरी ये बिंदिया ..


सच कहता हूँ जब तुम इसे लगाती हो ..

लगती हो मेरी .. सिर्फ मेरी ..


तब , मैं अपने को संभाल नहीं पाता ..

आगोश में आने को मजबूर कर देती है तेरी ये बिंदिया .. I


तेरी बिंदिया चाँद सी है ..

मेरा मन पानी सा ..


तुम्हारी कलाओं के विस्तार से ..

मन पानी उथलता उफनता है ..

वो दिन , जब सोलह कलाओ से पूर्ण तुमने

पहली बार सजाई थी 

माथे पर ये बिंदिया ..


जीवन हो गया

सदा के लिए

मेरा

शरद पूर्णिमा सा।


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