बिन फेरे हम तेरे
बिन फेरे हम तेरे
यमुना तट पर बैठ कन्हैया,
राधे राधे पुकारे।
कभी सुनाये तान सुरीली,
कभी राधिका रूप निहारे।
पूछे राधिका मोहन से,
सुनो नंद दुलारे।
शादी की रूक्मण से तुमने,
हम क्या लगे तुम्हारे।
सुनकर बात राधिका मोहन,
देखे तिरछे नैन कजरारे।
मंद मंद मुस्काने लगे कन्हैया,
अधरों पर बंसी धारे।
प्यार से लगे बताने कन्हैया,
सुनो राधिका प्यारी।
प्रेम बंधन में बांधा तुमने,
तुम्हीं आत्मा हमारी
अमर प्रेम हम दोनों का,
जले मन हम से सारे।
हम दोनों है एक ही
बिन फेरे हम तुम्हारे।