Ram Chandar Azad
Drama
बिन पानी के शुष्क सा लागे यह सारा संसार
कहि आज़ाद पानी बिना जीना है धिक्कार।
जीना है धिक्कार, कदर कोई नहीं करता
नहिं समाज में शीश उठाकर वह चल सकता।
मुकुट बिना आज़ाद व्यर्थ राजा रानी के
उसी तरह संसार न सोहै बिन पानी के।
मनचली
जो वादे...
अंधेरा-उजाला
कहें तो आखिर....
शाने तिरंगा
आमदनी
अपनी रक्षा स्...
मतदान जागरूकत...
जले दीप घर -घ...
चाय की चुस्की
लम्बे अरसे तक निभाने के लिए किए गए वादे ओझल हो जाते हैं। लम्बे अरसे तक निभाने के लिए किए गए वादे ओझल हो जाते हैं।
कभी दरिया संग बह जाती हूँ इक छोर, कभी दरिया संग बह जाती हूँ इक छोर,
मेरी चाहते हैं अलग फिर भी साथ है मेरी चाहते हैं अलग फिर भी साथ है
आप स्वयं नम्रता से बोलकर उसे नम्र कीजिये, आप स्वयं नम्रता से बोलकर उसे नम्र कीजिये,
वो बाते आज भी याद करके मैं हर बात सोचती रहती वो बाते आज भी याद करके मैं हर बात सोचती रहती
रूढ़िवादी संस्कृति का निवाला अर्पित किया रूढ़िवादी संस्कृति का निवाला अर्पित किया
अब किसके भरोसा करे हम जब अपने ही बेगाने निकल गए, अब किसके भरोसा करे हम जब अपने ही बेगाने निकल गए,
जो मुंह मोड़ती है मुझसे हर बार जैसे नकार दिया हो मेरा अस्तित्व जो मुंह मोड़ती है मुझसे हर बार जैसे नकार दिया हो मेरा अस्तित्व
बिना किसी रिश्ते के बिना किसी संबंध के किसी के दर्द का एहसास होना। बिना किसी रिश्ते के बिना किसी संबंध के किसी के दर्द का एहसास होना।
कोर्ट में जज को भी उस इंसान के साथ न्याय करना चाहिए , कोर्ट में जज को भी उस इंसान के साथ न्याय करना चाहिए ,
मेरे पास आते हो लगता है छोड़ न जाना जैसे आस लगती हो रिश्ता तोड़ न जाना ! मेरे पास आते हो लगता है छोड़ न जाना जैसे आस लगती हो रिश्ता तोड़ न जाना...
मैंने जब तेरे अधरों को छूआ, तू भँवरा मुझ को बना गई, मैंने जब तेरे अधरों को छूआ, तू भँवरा मुझ को बना गई,
प्यार का लिखा मिट ना पाए अब कोई जिए या कोई मर जाए प्यार का लिखा मिट ना पाए अब कोई जिए या कोई मर जाए
दूर हो न करीब ही हो मेरे "जाना" फिर भी तू हम कदम हो अच्छा लगता है दूर हो न करीब ही हो मेरे "जाना" फिर भी तू हम कदम हो अच्छा लगता है
जो हमारे रग रग में बसते हैं वो प्यारे सपने जो तूने दिखाए हैं जो हमारे रग रग में बसते हैं वो प्यारे सपने जो तूने दिखाए हैं
ये घर ये शान ओ शौकत सब तुम रख लेना, बस मुझे मेरा वजूद लौटा दो, ये घर ये शान ओ शौकत सब तुम रख लेना, बस मुझे मेरा वजूद लौटा दो,
गाँव की गलियाँ छोड़ यादें ले के निकले हैं। भीड़ के शहर में कहीं मेरा भी पड़ाव होगा। गाँव की गलियाँ छोड़ यादें ले के निकले हैं। भीड़ के शहर में कहीं मेरा भी पड़ा...
मैया ने सोचा तब यह उपाय, कान्हा को सुंदर पहना दी पायल l मैया ने सोचा तब यह उपाय, कान्हा को सुंदर पहना दी पायल l
यह बहरूपिये का शासन था आपस में फिर भी ऐसे लड़ते यह बहरूपिये का शासन था आपस में फिर भी ऐसे लड़ते
दिल के पनाह में यूं ही रहने दे हमें दिल के पनाह में यूं ही रहने दे हमें