STORYMIRROR

Madan lal Rana

Inspirational

4.0  

Madan lal Rana

Inspirational

भूल-भुलैया

भूल-भुलैया

1 min
466


हंसी आती है उनपर 

जो बड़े हल्के में लेते हैं जिन्दगी को

जिक्र करो तो हंस के टाल दिया करते हैं

जिन्दगी केे जटिल सवालों को


उनकी नजर में अवसर है यह एक

और पूरी दुनिया "स्पाॅट" है पिकनिक का

क्या पता कल रहें या ना रहें

मजे ले-लेकर जीना है यही काम है ज़िन्दगी का


जैसे भी हो धन है बटोरना 

है घर बनवाना पांच माले का

एशो-आराम की वस्तुएं हैं जुटानी

चाहे हक छीनना पड़े किसी के निवाले का


धरम-करम की बात ही छोड़ो

इसपर तो राय ही निराली है

ये सिर्फ उनको हैं पूजते जो

भरते इनकी झोली खाली है

<

br>

तौबा, इनकी जीवन शैली

केवल अपनों से नाता है

मानवता से दूर तक नहीं रिश्ते

बोलो तो बिफर जाता है


थोड़ा सा खुल कर जी लें तो

लोगों को जलन क्यों आता है

खुद का अर्जित खर्चते हैं

इसमें किसी का क्या जाता है


खाली हाथ आये थे

खाली हाथ जाना है

अधूरी ना रहे साध कोई

हर इच्छित चीज को पाना है


यही नजरिया है

आज के कुछ इंसानों का

जीवन का मूल मंत्र यही है

मस्ती के दीवानों का


असल में जगत के

ये भटके हुए श्रेष्ठ प्राणी हैं

रास्ते भूल-भुलैया और

थोड़ी सी जिंदगानी है



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational