बहुत सह लिया
बहुत सह लिया
मुझसे जो हो सकता था वो सब कुछ मैंने किया,
हर किसी के लिए अपने आपको भी बदल दिया।
गलती न होने के बावजूद भी उसका स्वीकार किया,
आँखों में आँसू आते ही उसे कई बार है रोक दिया।
बार-बार बेइज्जत होने के बाद भी हर रिश्ता निभाया,
बदले में सब ने दर्द देकर हर बार आहत करके छोड़ा।
ज़िंदगी में कई बार गिरने के बाद भी ख़ुद को खड़ा किया,
बहुत सह लिया 'ज़ोया' अब और नहीं, अब तुझे है लड़ना।
