उनके बुझात नईखे
उनके बुझात नईखे


देश मे आइल खुशहाली दुश्मन सुहात नईखे
हिन्दू मुस्लिम बन गईले भाई उनके बुझात नईखे।
केतनो ज़ोर लगईहे बाल ना बांका होई उनसे
देशवा जवान कई दिहे दवाई उनके बुझात नईखे।
केतनों लड़िहे झगड़िहे आपन अपने रहिहे देख
दुश्मन करेले पिटाई उनके बुझात नईखे।
चाहे दिखावा मिसाइल चाहे बम एटम डरावा
जवान मरीहे घरवा घुसाई उनके बुझात नइखे।
बंद हो गईल उनकर दुकानदारी कश्मीर मे
दिहे छोड़ाई सब अगराईल उनके बुझात नईखे।
जब देखा तब करेला बमबाजी हमरे सिमवा पर
दिहे जवान नमवा मिटाई उनके बुझात नईखे।
चैन से रहा औरी चैन से रहे दा तू हमरो के
मार हमरे भगिहे जाई लुकाई उनके बुझात नईखे।
शेरे हिन्द दहाड़ टीक ना पाई केहु आगे
भारती भारत नमन सिर झुकाई उनके बुझात नईखे।