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Abhisekh Prasanta Nayak

Action

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Abhisekh Prasanta Nayak

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जाको राखे साईंया मार सके ना कोय

जाको राखे साईंया मार सके ना कोय

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चाहे लहरें उठने लगे दर्द के दरिया से,

काहे डरता है तू अब इस दुनिया से।

तू बन जा रे ढाल वो प्रहार सके ना कोय,

लगा दे तू रे आग वो हुंकार सके ना कोय,

जाको राखे सईंया मार सके ना कोय।


सच्चे राह पे चलनेवाले की हार कभी ना होय,

जाको राखे सईंया मार सके ना कोय।

कर दे तू कुछ ऐसा कि बन जाये तेरे मिसालें,

रोशन कर दे दुनिया को उम्मीदों की लेके मशालें।


बना दे रे इतिहास कि फटकार सके ना कोय,

शंखनाद कर तू ऐसे कि ललकार सके ना कोय,

जाको राखे सईंया मार सके ना कोय।

सच्चे राह पे चलनेवाले की हार कभी ना होय,

जाको राखे सईंया मार सके ना कोय।


वो आग है रे तुझमें जो हर लोहे को पिघला दे,

उठा दे वो गंडीव कि तू पूरी दुनिया को हिला दे।

लगा ले ऐसे सुर कि झंकार सके ना कोय,

बन जा रे शस्त्र कि तुझको संहार सके ना कोय।


जाको राखे सईंया मार सके ना कोय।

सच्चे राह पे चलनेवाले की हार कभी ना होय,

जाको राखे सईंया मार सके ना कोय।


अंधेरों से निकलके तू उजाला ढूंढने चला है,

लोहे तेरे अंदर से तू तलवार बनाने चला है।

बना दे तू वो दीपक कि बुझा सके ना कोय,

बन जा रे तू समंदर कि पार सके ना कोय,

जाको राखे सईंया मार सके ना कोय।


सच्चे राह पे चलनेवाले की हार कभी ना होय,

जाको राखे सईंया मार सके ना कोय।


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