Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Abhisekh Prasanta Nayak

Abstract

3  

Abhisekh Prasanta Nayak

Abstract

अजब है ये तेरी माया...

अजब है ये तेरी माया...

1 min
383


ठहरा है गोल यहाँ मगर कैसा ये संसार है...

संक्षेप में कुछ नहीं यहाँ सब तो ये विस्तार है...

हाथों से तूने अपना पिंजरा है बनाया...

वाह रे ऊपरवाले अजब है ये तेरी माया...


रिश्तों के बीच में बन रही है अब ये दीवारें...

एक तरफ़ है घर यहाँ दूसरे ओर घूमे बंजारे...

जो था यूँ अपना हो गया आज सबसे पराया...

वाह रे ऊपरवाले अजब है ये तेरी माया...


चारों ओर चलता है हर पल हज़ारों लड़ाई...

ना जाने कितनों पर तूने आफत है बरसाई...

विचार है जिनके अलग कैसे तूने मिलाया...

वाह रे ऊपरवाले अजब है ये तेरी माया...


मंज़िल भले है एक पर राहें ठहरे है हज़ार...

दुश्मन काँटे है यहाँ इंतज़ार करता मेरा यार...

प्यार और नफ़रत को तूने इसमें है समाया...

वाह रे ऊपरवाले अजब है ये तेरी माया...


सपने देखते है वही जो है सबसे अनजान...

सच हो जाए अगर वही एक पल में होते हैरान...

कैसा ये तूने है जादू तोना तो दिखाया...

वाह रे ऊपरवाले अजब है ये तेरी माया...



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract