एक दीपक प्रज्वलित हो प्रेम का
एक दीपक प्रज्वलित हो प्रेम का
आओ इक दीपक प्रेम का जलाएं
अंधियारा भेदभाव का मिटाएं
और "लौ "समरसता की जलाएं
ऊर्जादायक रश्मियों सी हों भोर
किसी की शाम ना हो घनघोर
आसुरी शक्तियों का हों दमन
खिल उठे कली फिर उन्मुक्त गगन में
जलाए आनंद के दीए जीवन में
हो प्रेम धार्मिक सौहार्द की भावना
दीपोत्सव की जगमगाहट
प्रज्वलित हों हर एक के जीवन में
आओ मिलकर सभी मनाएं
पावन पर्व दीपावली हर आंगन में।