भाईदूज
भाईदूज
कुमकुम अक्षत थाल सजाएं
भाइयों पर अटूट प्रेम ब़रसाए
बहनों का आज मन हर्षाएं
भाइयों को प्रेम से तिलक लगाए।
बचपन के वो लड़ाई झगड़े
बीती यादों से मन सज जाएं
प्रेम ही प्रेम रहे बस हृदय में
भाइयों से आज आशीष पाएं
रक्षा का अनमोल वादा पाकर
बहनों की खाली झोली भर जाएं
भाई दूज की शुभ बेला आईं
फिर क्यों न मन हर्षित हो जाएं ।
भैया दूर रहो या पास कभी तुम
बहनें खुशहाली के दीप जलाएं
भाई बहन क़ा रिश्ता ही हैं ख़ास
चलो धूमधाम से आज पर्व मनाएं ।