Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Ajit Kumar Raut

Abstract

4  

Ajit Kumar Raut

Abstract

हो रहा है अब

हो रहा है अब

1 min
266


जो नहीं हुआ अब हो रहा,


      देखा नहीं अब देख रहा।


गौरव देश को मिल रहा,


       देश विश्व गुरु हो रहा।


संविधान से देश चलेगा,


       तिरंगा से प्यार बढेगा।


वंदे मातरम भी गुंजेगा,


      विश्वगुरु हीं देश बनेगा।


सही समय शुरुआत है,


     अमृत काल भारत की है।


महादेव की आशिर्वाद है,


     प्रभुराम भी अतिकृपा है।


रुकेगा नहीं भारतवर्ष,


       थमेगा नहीं भारतवर्ष।


मंत्र प्रथम भारतवर्ष,


      विकसित हो भारतवर्ष।


शक्तिशाली सैनिक होंगे,


     ईमानदारी की पाठ होगें।


न्याय युक्त शासन होंगे,


     कर्त्तव्यों का पालन होगें।


अमृत काल आया यहां है,


      नयी उमंग उत्साह है।


मंत्र आत्मनिर्भर की है,


     प्रेरणा निर्भर होने की है।


निस्वार्थ कर्म करना है,


     सत्य पथ में चलना है।


राष्ट्रवाद बनना है,


     अतीत गौरव लौटाना है।


आगे बढ़ते ही जाना है,


      देश विश्व गुरु बनना है।


जागृत भी हमें होना है,


      निष्ठा से कार्य करना है।


यह जीवन राष्ट्र के लिये,


   जीवन यह भक्ति के लिए।


हो जनजन सेवा के लिए,


     हो गुरुजनों की सेवा लिए।


गुंज रहा गौरव सम्मान,


       बढ रहा है हिन्दुस्तान।


होगा डगर अब आसान,


       राष्ट्र प्रति हो सम्मान।


कोई भी नहीं रोक सकेगा,


      हिन्दुस्तान आगे होगा।


मातृभाषा में हम पढ़ेंगे,


       राष्ट्रवादी हम बनेंगे।


कृष्ण के ये हिन्दुस्तान,


    प्रभु राम के है प्रीति ज्ञान।


हनुमान चालीसा भी पढ़ेंगे,


    जगन्नाथ की भक्ति करेंगे।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract