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Dinesh Dubey

Abstract

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Dinesh Dubey

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जो बचा है अब जीवन

जो बचा है अब जीवन

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जो बचा है अब जीवन 

वही तो विशेष हैं,

वरना तो अब जीवन में जो बचा 

वह सब तो अवशेष है,


खुद को बदलने की सोचो 

दुनिया नहीं बदल सकते,

जिसने भी की दुनिया बदलने की कोशिश,

वह दुनिया से चला गया,


जीवन में चलना है गर तो,

अपने हिसाब से चलना,

पर दूसरों को राह दिखाने का,

कभी प्रयास ना करना,


कांटे हैं इस दुनिया में हर ओर,

उनसे है बच के निकलना,

दूसरों की जीवन में कभी भी,

हस्तक्षेप न करना,।।


सबकी आंखें खुली हैं,

उन्हें बंद न समझना,

चढ़ गए गर नजर में,

जीवन खतम समझना।।



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