चलते जाना है
चलते जाना है
दूर तलक चाँद पर जाना है मुझे
जो कोई ना हासिल करे उसे पाना है मुझे
भले ही रास्ते की कोई खबर ना हो,
बावजूद उसके बस चलते जाना है मुझे।
काबिलियत के कोयले को तराश हीरा करना है मुझे
खुशियों के झर्नों से अपना दामन भरना है मुझे
भले ही इस सफर में थकने की फुर्सत ना हो,
बावजूद उसके बस काम करते जाना है मुझे।
लाखों बार गिरकर भी उठ खड़े होना है मुझे
मिलने वाली ठोकरों से अब ना डरना है मुझे
भले ही भिड़ने की उतनी ताकत ना हो,
बावजूद उसके बस लड़ते जाना है मुझे।
जज़्बात के हर मोती को कागज़ पर पिरोना है मुझे
मन की बन्दिशों को तोड़ आज़ाद होना है मुझे
भले ही फिल्हाल लिखाई की मेरी अहमियत ना हो,
बावजूद उसके बस लिखते चले जाना है मुझे।