Harshit Tahanguriya
Abstract
मेरे मन के सैलाबों में एक शांत कश्ती हो तुम
सारी दुनिया रुक सी जाती है जब हस्ती हो तुम।
माना सामने बातें व्यक्त हम करते नहीं,
लेकिन जज़्बातों का पहाड़ लिए घूमते हैं,
ये बात क्यों नहीं समझती हो तुम।
बारिश
चलते जाना है
यादें
कश्ती
अंतरिक्ष पार
संस्कार नग्न हो गए शोर शराबा, खोखलापन घुल गया जीवन में। संस्कार नग्न हो गए शोर शराबा, खोखलापन घुल गया जीवन में।
मिला रावण को, अमरता का वरदान, ज्ञानी होकर भी वो करता था दुराचार। मिला रावण को, अमरता का वरदान, ज्ञानी होकर भी वो करता था दुराचार।
सीख दो शुद्धता वर्तनी में रहे, हाथ है मातके जीत दे हार दे। सीख दो शुद्धता वर्तनी में रहे, हाथ है मातके जीत दे हार दे।
मेरे बच्चे वह शहज़ादी नहीं थी तेरी मां थी... मेरे बच्चे वह शहज़ादी नहीं थी तेरी मां थी...
फिर भी जीने की ललक हर एक में पाई। फिर भी जीने की ललक हर एक में पाई।
खुशी एक एहसास है, जो मेरे पास है और तुम्हारे साथ है। बस नज़रिए की बात है ! खुशी एक एहसास है, जो मेरे पास है और तुम्हारे साथ है। बस नज़रिए की ब...
किया देखते इसे आओगी और सीने से लगा उगी सब भुला के कुछ पल में मुझे...? किया देखते इसे आओगी और सीने से लगा उगी सब भुला के कुछ पल में मुझे...?
दिलो दिमाग अब सही है मेरा या ये व क्त वक्त की बात है। दिलो दिमाग अब सही है मेरा या ये व क्त वक्त की बात है।
सच की करते हैं बातें, काले धन के राजा चेहरे पे न जाना, धोखे में रहोगे। सच की करते हैं बातें, काले धन के राजा चेहरे पे न जाना, धोखे में रहोगे।
औरत को भी सर उठाकर जीना मरना चाहिए। औरत को भी सर उठाकर जीना मरना चाहिए।
तोड़ बेंडी गुलामी की आगे बढ़ीं, सरहदो पर भी अब लड रहीं बेटियाँ। तोड़ बेंडी गुलामी की आगे बढ़ीं, सरहदो पर भी अब लड रहीं बेटियाँ।
कब करोगे उसका सम्मान नेताजी क्या करूँ तेरा बखान।। कब करोगे उसका सम्मान नेताजी क्या करूँ तेरा बखान।।
तेरे थे, तेरे हैं, तेरे ही रहेंगे दीवाने, एक मेरी रूह जाने एक सिर्फ़ तू जाने। तेरे थे, तेरे हैं, तेरे ही रहेंगे दीवाने, एक मेरी रूह जाने एक सिर्फ़ तू जाने।
सुखद प्राकृतिक आनंद पाना है, तो शहर से दूर हो जाना होगा। सुखद प्राकृतिक आनंद पाना है, तो शहर से दूर हो जाना होगा।
जिंदगी की राह पर बस साथ चलना है हमें, इसीलिए जीवन साथी बनाया है हम ने तुम्हे......... जिंदगी की राह पर बस साथ चलना है हमें, इसीलिए जीवन साथी बनाया है हम ने तुम्हे....
सुमिरन से जिनके कटते सबके दुःख-संताप श्री राम है उनका नाम। सुमिरन से जिनके कटते सबके दुःख-संताप श्री राम है उनका नाम।
नेटवर्क के तुम जोड़ो तार सुनेगी तुम को अच्छे से फिर ऊपर वाले की आवाज़। नेटवर्क के तुम जोड़ो तार सुनेगी तुम को अच्छे से फिर ऊपर वाले की आवाज़।
नवसंवत्सर का प्रकर्ष है। नवसंवत्सर ही नव वर्ष है।। नवसंवत्सर का प्रकर्ष है। नवसंवत्सर ही नव वर्ष है।।
दुर्योधन की दुष्प्रवृत्ति व, गलती पर पर्दा डाला। दुर्योधन की दुष्प्रवृत्ति व, गलती पर पर्दा डाला।
और इंसानियत वो जज्बा हैं जो... हर इंसान में नहीं पाया जाता है। और इंसानियत वो जज्बा हैं जो... हर इंसान में नहीं पाया जाता है।