अंतरिक्ष पार
अंतरिक्ष पार
एक दुनिया है अंतरिक्ष पार,
जहां ख़्वाहिशैं पूरी होने रहती हैं बेकरार।
वक़्त की बेकद्री का आलम वहां रहता नही,
क्योंकि खुशियों से रहता है सबका करार।
रातें वहां घनघोर नही होती हैं,
क्योंकि कठिनाईया वहां बेजोड़ नही होती हैं।
कोई नही है वहां जो खुशियों मैं निर्लिप्त ना रहे
क्योंकि नही है वहां कोई विशिप्त
जो युद्ध लड़ाईयों की बातें करे।
हर कोई वहां वास्तविकता मैं जीता है,
क्योंकि लगाने वहां मुखोटा नही मिलता है।
ऐसी दुनिया जहां असल में पूरा
होता है गीता कुरान का सार,
एक दुनिया जो है अंतरिक्ष पार
जहां ख्वाहिशैं पूरी होने रहती है बेकरार।