क्या से क्या
क्या से क्या
वो भारत जो आर्य हिन्दुस्तान था
सोने की चिड़िया हर तरह महान था।
है वास्तविकता या सोच सही नहीं
यक्ष रूपी भ्रष्टाचार सत्य का ज्ञान नहीं।
सुख -शान्ति, एश्वर्य वैभव अकूत
झपटा फिऱंगी ने बन काल का भूत।
बेहिसाब जवाहरात हीरे दृश्य चित्रकूट का
सोमनाथ हुआ शिकार गजनवी की लूट का।
भारत का आकर्षण था कुंज का पता पता
आये गोेरे व्यापारी बनकर हथिया ली सता।
आज विज्ञान का बोलबाला मशीन बना ईंसान
न जाने किस शौर्य पर था मेरा भारत महान।
इतिहास गवाह है कायर तो इतने ना थे हम
जहां हेम की नदी बहती फिर क्यों मिले गम।
विडंबना आज बनी स्वतत्रंता के बाद भी
प्रमाण विज्ञान का अद्भुत उदय के बाद भी।
रमन भाभा बोस कलाम को, कैसै करे विस्मृत
मगंलयान, मिसाइलें, दुनिया को करे चकित।
हमारी आज मूल समस्या मजहबी द्वेष भावना की
आत्मप्रत्य दृढ -निश्चय भूले गाथा हर बलिदान की।
ठान मन में तो उदय होगा, विराट भारत का
विजय ध्वज फहराएगा चहुँ दिशि भारत का।
मिटा देंगें दूरियां सबक सिखाएंगे नापाक को
अतीत गौरव कायम है रखे भारत की धाक को।
अनोखी होगी भारत की गाथा फिजाओ में गुणगान होगा
हमारा भारत महान था, और हरपल महान होगा।