सुन ले - पाकिस्तान
सुन ले - पाकिस्तान
खेल रहे दुश्मन,
दोस्ती से यूँ आँख मिचोली,
घायल होता विश्वास,
सीमा पर जब चलती हैं गोली,
सरहद का सिपाही हमारा भी कम नहीं है,
जान पर खेल जाता है,
देश की आन में,
इस बात का उसे कुछ गम नहीं हैI
इस बार पाक ने जर्मनी का पैंतरा है चुराया,
नकली नोटों का हिन्द में फिर जाल बिछाया।
पत्थर बाजों को कायरता से
क्या अपना हथियार बना लोगे ?
चुन - चुन के होगा अबके
गद्दारों का सफाया I
कश्मीर की वादियां,
दहशतगर्दों से आज़ाद फिर होंगी I
अमन-चैन की बहारें फिर मयस्सर होंगी,
धारा 370 हमने खेल-खेल में है हटाया
"तिरंगे" के संविधान ने ये फैंसला है सुनाया
अब के भी ए - पाकिस्तान,
तुझे मुँह की खानी ही पड़ेगी,
मरहम लगवाने को उन घावों पे,
विदेशों से भीख मंगवानी ही पड़ेगी I
गर चाहता है तू फिर कारगिल की लड़ाई
फिर तो खुदा को तेरे हाथ की लकीरें
मिटानी ही पड़ेगी।
क्योंकि तेरा है सामना जिससे,
वो हिंदुस्तान है I
ललकारता तुझे हिन्द का
हर नौजवान है।