बहुत खूबसूरत
बहुत खूबसूरत
बहुत खूबसूरत है तू यार
जैसे घीसा-पीटा खिचड़ी का त्योहार
बहुत खूबसूरत है तू यार
जुल्फें घनेरी, नागीन जैसी,
जैसे चितकबरी गाय की पूँछ
गुस्सा हरदम नाक पे खिलता,
जैसे खिलती होठों पे मुँछ
भौहें घनेरी पलकों पे, जैसे कँटिला जार
बहुत खूबसूरत है तू यार
लालिमा लिए गोरे तेरे गाल,
लगते पिछवाड़े के पके अमरुद
गर्दन तेरी गिरगिट जैसी,
गज जैसी चलती आँखें मूँद
होंठ हैं मकरे बैल जैसे, हरदम टपकाते लार
बहुत खूबसूरत है तू यार
आड़ी-तेड़ी तेरी बाँडी ,
लगती दो बीघे खेत का मेड़
काया सुखे कांटे जैसी,
जैसे सुखे बबूल का पेड़
चाल है तेरी ठुम्मक-ठुम्मक, जैसे घोड़ी बिमार
बहुत खूबसूरत है तू यार
बहुत खूबसूरत है तू यार
जैसे घीसा-पीटा खिचड़ी का त्योहार
बहुत खूबसूरत है तू यार।
