बहुत खूबसूरत खूबसूरत है वो
बहुत खूबसूरत खूबसूरत है वो
बहुत खूबसूरत, खूबसूरत है वो।
संगमरमर की जैसे मूरत है वो।।
कजरारे नयन, मोह लेते मन।
उसकी सूरत में है अपनापन।
वो हंसे तो कलियां खिल जाएं,
जैसे महक उठे सारा गुलशन।
हर आशिक़ की जैसे ज़रूरत है वो...
लचका के कमर जब चल देती ।
मौसम के रंग बदल देती ।।
तिरछी नज़र से देखे तो।
लोगों को घायल कर देती है।।
मौहब्बत का जैसे मुहूरत है वो....
शरमा कर जब वो मुस्काये,
मोती से दांत चमक जाऐ।
उसके तन से वो खुश्बू महके।
मन को मदहोश बना जाये।।
हुश्न-ओ- दुनिया की जैसे हुकुमत है वो।

